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रोड एक्सीडेंट क्लेम मनी 2022 कैसे लें || रोड एक्सीडेंटल में मौत और मुआवजा आय कर रिटर्न की आवश्यकता, रोड एक्सीडेंट क्लेम कैसे करे?, Case की जानकारी, अनजान व्हीकल से एक्सीडेंट, व्हीकल दुर्घटना CLAIM, रोड एक्सीडेंट कानून, एक्सीडेंट क्लेम केस, भारत में दुर्घटना में मृत्यु के लिए मुआवजे | इन सभी चीजों के बारे में आज के इस ब्लॉग में हम बात करने वाले है यदि आप के परिवार में भगवान ना करे कि ऐसा कोई केस हो लेकिंन यदि आपके फॅमिली में किसका रोड एक्सीडेंट में मौत हो जाती है तो आप सरकार की तरफ से पांच लाख रुपये ले सकते है, रोड एक्सीडेंट योजना के तहत वो कैसे, आज के इस ब्लॉग में हम आपको बताएँगे, इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा पढ़े || ### रोड एक्सीडेंट क्लेम मनी 2022 कैसे लें
हर दिन पूरी दुनिया में रोड एक्सीडेंट (road accidents) में हर साल करीब 1.2 million लोगों की मौत हो जाती है। इनमे से 10% रोड एक्सीडेंट केवल हमारे भारत देश में होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय सड़क संगठन (international road organization) की ओर से इंडिया के लिए जारी यह आंकड़ा करीब 1.5 lakh हादसों (accidents) का बैठता है।
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Road Accidents की वजह से इंडिया में कुल साढ़े 15 से लेकर 40 अरब अमेरिकी $ का नुकसान हो जाता है। इन रोड एक्सीडेंट्स होने के बाद एक बड़ा सवाल मुआवजे का होता है। आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि रोड एक्सीडेंट का क्लेम कैसे करते है –
रोड एक्सीडेंट (Road Accidents) में मरने वाले अथवा घायल (injured) होने वाले
यह इनफार्मेशन आप सभी लोगो के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। Motor vehicle act-1988 में road accident की स्थिति में मिलने वाली राशि को स्पष्ट किया गया है। इसके अनुसार किसी भी road accident की स्थिति में यदि किसी की मौत हो जाए या कोई घायल हो जाए तो road accident claim की राशि इस प्रकार से होगी-
Road Accident में मौत के मामले में क्लेम 5 lakh रुपये है।
गंभीर रूप से घायल होने की स्थिति में क्लेम राशि 2.5 lakh रुपये है।
Hit and Run के मामले में मृत्यु होने पर मृतक के Nominee को दो लाख रुपये मिलते हैं, जबकि गंभीर चोट लगाने की स्थिति में 50 thousand रूपये यानि 50 हजार रुपये की क्लेम राशि के भुगतान का प्रावधान है।
मोटर वाहन अधिनियम-1988 के अंतर्गत मुआवजे के लिए क्लेम करने के लिए अधिकारी निम्न लोग होंगे-
अब हम आपको बताएंगे कि आपको रोड एक्सीडेंट क्लेम के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता है। ये वे दस्तावेज हैं, जिनको संलग्न किए बगैर आवेदक को क्लेम नहीं मिलेगा। ये निम्नवत हैं-
अब आपको जानकारी देंगे कि यदि सड़क दुर्घटना हो जाए तो आप रोड एक्सीडेंट क्लेम के लिए कहां क्लेम कर सकते हैं-
मोटर वाहन अधिनियम-1988 की धारा 166 के अंतर्गत मुआवजे के लिए आवेदन प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इसके अनुसार-
बहुत सी ऐसी स्थितियां हैं, जिनमें कोई भी इंश्योरेंस कंपनी क्लेम देने से मना कर सकती है। ये स्थितियां निम्नवत हैं-
यदि आपकी कार अथवा बाइक का एक्सीडेंट हो जाता है तो आन द स्पाॅट कोई भी एग्रीमेंट न करें। यदि आपके वाहन का इंश्योरेंस है तो इसकी सारी जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होगी। किसी की मृत्यु होने की स्थिति में भी आपकी जिम्मेदारी नहीं होगी। आपका केस इंश्योरेंस कंपनी लड़ेगी।
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Indian Driving License से आप किन-किन देशों में गाड़ी चला सकते हैं?
आन द स्पाॅट समझौते में कई बार यह होता है कि आप तो मामला रफा-दफा करने की कोशिश करते हैं, लेकिन संबंधित व्यक्ति आपसे भी राशि लेता है, फिर गाड़ी ठुकने पर इंश्योरेंस कंपनी से भी मुआवजे के लिए भी क्लेम कर देता है। इस प्रकार वह दोहरा लाभ लेने की कोशिश करता है। इस स्थिति को अवाइड ही कर देना बेहतर होता है।
आपको इस बात का अवश्य ख्याल रखना होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात। आपको रोड एक्सीडेंट क्लेम के लिए दुर्घटना की तिथि के छह माह के भीतर ही आवेदन करना आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त यह भी आवश्यक है कि मुआवजे के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति दुर्घटना का शिकार अथवा मृत्यु की स्थिति में उसका कानूनी प्रतिनिधि होना चाहिए। उसका इंश्योरेंस एजेंट भी क्लेम कर सकता है।
रोड एक्सीडेंट के लिए जिम्मेदार वाहन की पहचान हो जाने पर हताहत व्यक्ति को रोड एक्सीडेंट क्लेम बीमा कंपनी से मिलता है। लेकिन हिट एवं रन मामले में टक्कर मारने वाला फरार हो जाता है। ऐसे मामलों में पीड़ित को मदद देने के लिए वर्ष 1989 में एक हर्जाना योजना बनी थी।
इन पीड़ितों को मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड से मदद दी जाती है। कुछ हिट एंड रन मामलों के विषय में आपने अवश्य पढ़ा होगा, जो बहुत मशहूर रहे हैं। इसमें फिल्म अभिनेता सलमान खान का हिट एंड रन केस हर किसी को याद होगा। उनकी गाड़ी द्वारा फुटपाथ पर सोए लोगों को कुचल दिया गया था। बाद में उनके ड्राइवर ने सारा जिम्मा अपने ऊपर ले लिया था।
रोड एक्सीडेंट के कारणों से तो हम सभी परिचित हैं। कहीं यह ड्राइवर की लापरवाही के कारण अथवा तेज स्पीड से होता है तो कभी ड्राइवर शराब के नशे में गाड़ी पर से कंट्रोल खो बैठता है। कई बार छोटी उम्र में ही गाड़ी चलाने की उत्कंठा कई बार लोगों की जान पर भारी पड़ जाती है।
इसके अतिरिक्त हमारे देश में अधिकांश छोटे नगरों में सड़कों की खराब स्थिति भी खतरनाक रोड एक्सीडेंट के लिए जिम्मेदार होती है। सड़कों पर इतने गड्रढे होते हैं कि या तो वाहन चालक पीठ दर्द जैसी तकलीफों के शिकार होते हैं या अपने हाड़-गोड़ तुड़वाते रहते हैं। इसी प्रकार अनेक कारण हैं, जो रोड एक्सीडेंट के लिए जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं।
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हालांकि हाइवे आदि की बात करें तो केंद्र सरकार की ओर से उन पर बेहतर काम किया गया है, लेकिन समस्या यहां है कि वहां के लिए एक स्पीड निर्धारित है एवं अमूमन धीमे चलने वाले लोग वहां दुर्घटना के शिकार होते हैं।
यदि दोपहिया वाहनों की बात करें तो ऐसे में सिर पर हेलमेट न पहनने वाले लोग एक्सीडेंट हो जाने पर मौत का अधिक शिकार बनते हैं। हालांकि यातायात विभाग की ओर से इसे लेकर जागरूकता को अभियान भी चलाया जाता है, लेकिन बहुत से लोगों के लिए सरकार की बातें महज औपचारिकता भर होती हैं।
यदि बहुत से लोग हेलमेट लगाते भी हैं, तो इसलिए नहीं कि वे दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षित रहेंगे। वे इसलिए हेलमेट लगाते हैं, ताकि पुलिस के चालान से बचे रहें। महिलाएं हालांकि ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति अधिक सजग दिखती हैं। रैश ड्राइविंग की प्रवृत्ति उनमें कम देखी जाती है।
यह तो आपको भी पता ही होगा कि सरकार की ओर से सड़क जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जाता है। भारत में अब तक 32 सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाए जा चुके हैं। पिछले वर्ष इसकी थीम सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा थी। इसका आयोजन सामान्य लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए किया जाता है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को न्यूनतम किया जा सके।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह आम तौर पर 11 से 17 जनवरी तक मनाया जाता है। कई राज्य इसका आयोजन अलग अलग तिथियों पर करते हैं। आपको यह भी जानकारी देते हैं कि देश में सड़क सुरक्षा अधिनियम कब लागू हुआ। इसे द नेशनल हाइवेज एक्ट -1956 के रूप में लाया गया एवं सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 15 अप्रैल 1957 को देश भर में लागू किया गया।
देश में मोटर वाहन अधिनियम 1988 में लाया गया। वर्तमान में मोटर वाहन संशोधन अधिनियम- 2019 लागू है। इसे एक सितंबर, 2019 को लागू किया गया था। इसमें सड़क दुर्घटना रोकने के लिए कई बेहतर एवं कठोर प्रावधान किए गए हैं।
इसमें यातायात नियमों के उल्लंघन पर कड़े नियमों का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही ओवर स्पीडिंग, ओवर लोडिंग, रैश ड्राइविंग, सीट बेल्ट न बांधे होने, ड्राइविंग लाइसेंस न होने, इंश्योरेंस अथवा प्रदूषण प्रमाण पत्र न होने जैसी स्थितियों में जुर्माना राशि को भी कई गुना बढ़ा दिया गया है।
रोड एक्सीडेंट मोटर वाहन अधिनियम-1988 के अंतर्गत कवर होता है।
रोड एक्सीडेंट मौत की अवस्था में मृतक के वैध उत्तराधिकारी को पांच लाख रूपये का क्लेम मिलता है।
रोड एक्सीडेंट में गंभीर घायल होने पर 50 हजार रूपये की क्लेम राशि मिलती है।
जी हां, कुछ ऐसी स्थितियां हैं, जिनमें इंश्योरेंस कंपनी क्लेम से हाथ झाड़ सकती है। जैसे-लापरवाही से गाड़ी चलाना, गाड़ी चलाते हुए निर्धारित मात्रा से अधिक शराब का सेवन, गाड़ी के कागज पूरे न होना, वैध ड्राइविंग लाइसेंस न होना आदि।
मृत्यु के मामले में मृतक के वैध उत्तराधिकारी। घायल होने की स्थिति में स्वयं अथवा गंभीर रूप से घायल व्यक्ति के वैध उत्तराधिकारी।
रोड एक्सीडेंट की स्थिति में सबसे पहले पुलिस को सूचित करना चाहिए।
उम्मीद करता हूं आप लोगों को रोड एक्सीडेंट क्लेम मनी 2022 कैसे लें की या जानकारी अच्छी लगी होगी यदि आप लोगों को या जानकारी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके जरूर बताएं और अपने दोस्तों को शेयर करना ना भूले। ####रोड एक्सीडेंट क्लेम मनी 2022 कैसे लें…
Thanks…
nice articel bhai thanls.