आज हम कंप्यूटर क्या है कंप्यूटर किस का काम करता है तथा कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया आदि विषय पर चर्चा करेंगे तो चलिए जानते हैं कि
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कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो user द्वारा इनपुट किए गए डाटा को प्रोसेस करके मीनिंगफुल data प्रदान करता है कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से मिलकर बना है कंप्यूटर शब्द Latine भाषा के ” computare ” से मिलकर बना है जिसका अर्थ है गणना करना ।
सन् 1822 में सबसे पहले कंप्यूटर का आविष्कार Charles Babbage ने किया था। जिसे मैकेनिकल कंप्यूटर के नाम से जनते हैं इन्हें कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है।
C – Commonly
O – Operated
M – Machine
P – Particularly
U – Used for
T – Technical
E – Education
R – Research
कंप्यूटर का आविष्कार लगभग 2500 वर्ष पुराना है जिसे समझना थोड़ा मुश्किल है लेकिन जब बात कंप्यूटर की जनरेशन पर आती है तो इसे मुख्य रूप से 5 भागों में बांटा गया है
कंप्यूटर की पहली पीढ़ी का प्रयोग 1946 से लेकर 1956 तक किया गया था। जिसे हम vacuum tubes के नाम से जानते हैं। इसमें Vacuum tubes का प्रयोग किया जाता था। जिस का आविष्कार सन 1904 John Ambrose Fleming ने किया था। यह कंप्यूटर आकार में बहुत ही बड़े थे और इनकी स्पीड भी बहुत कम थी। जिसके कारण इसलिए डाटा को store करके रखना मुश्किल था। इन कंप्यूटरों की कीमत अधिक होने के कारण यह आम लोगों की पहुंच से बहुत ही दूर थे उदाहरण के लिए ENIAC (Electronic Numerical integrator and computer),UNIVAC (Universal Automatic Computer)
कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी की शुरुआत 1956 से हुई इन कंप्यूटरों में vacuum tubes की जगह ट्रांजिस्टर का प्रयोग होता था। ट्रांजिस्टर की खोज 1947 में William Shockley नाम के वैज्ञानिक ने की थी। ट्रांजिस्टर के प्रयोग से पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के आकार में सुधार हुआ और इनकी गति भी पहले से थोड़ी तेज हो गई थी। इसमें COBOL और Fortran नाम के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का प्रयोग किया गया।
कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी की शुरुआत 1964 से लेकर 1971 तक हुई। इन कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टर की जगह IC का प्रयोग किया गया था । ट्रांजिस्टर को छोटा करके एक सिलिकॉन चिप पर रखा गया था। जिसे हम IC के नाम से जानते हैं । IC का अविष्कार Jack Kilby ne सन् 1958 में किया था। IC के प्रयोग से पहली और दूसरे जनरेशन की तुलना में यह कंप्यूटर ज्यादा गतिशील और विश्वसनीय थे। यह अन्य पीढ़ी की तुलना में छोटे हो और कम ऊर्जा की खपत खाने वाले थे इसी कंप्यूटर में पहली बार keyboard और mouse का उपयोग किया गया था उदाहरण के लिए IBM – Series, Honeywell – 6000 series.
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी की शुरुआत 1972 से लेकर 1984 तक हुई। इसमे micro processor ka प्रयोग किया गया। पहला माइक्रो प्रोसेसर इंटेल कंपनी द्वारा सन 1971 में बनाया गया था। इसमें 5000 से ज्यादा transistor होते है जो मिलकर micro processor बनाते है। माइक्रोप्रोसेसर के प्रयोग से कंप्यूटर की गति और भी तेज हो गई और यह बहुत ही बड़े कैलकुलेशन के लिए सक्षम माने गए।
कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी की शुरुआत 1985 से हुई जो आज तक चल रही है। इन कंप्यूटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया गया। यह कंप्यूटर बड़ी-बड़ी कैंसिलेशन करने और प्रोग्राम जैसे c और c++ Java Web application के लिए सक्षम है। उदाहरण के लिए Desktop,Laptop,Notebook.
कंप्यूटर के काम करने में मुख्य रूप से 3 प्रक्रियाएँ होती हैं – सबसे पहले कंप्यूटर यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों को लेता है, फिर उसे प्रोसेस करने के बाद आउटपुट में डेटा दिखाता है।
input – उपयोगकर्ता इनपुट के माध्यम से, कंप्यूटर निर्देश देता है कि उसे किस प्रकार की जानकारी की आवश्यकता है। इनपुट डिवाइस जैसे – कीबोर्ड, माउस।
processing – अब कंप्यूटर इनपुट किए गए निर्देशों को संसाधित करता है।
Output – इसके बाद कंप्यूटर प्रोसेस्ड डेटा को आउटपुट में परिणाम के रूप में दिखाता है।
CPU के अंदर एक प्लेट होती है जिसे motherboard कहते है एक छोटे छोटे component से मिलकर बना होता है इसमें हार्डडिस्क ,ram और प्रोसेसर जैसे कॉम्पोनेन्ट शामिल है।
CPU का पूरा नाम Central processing unit है जिसे कंप्यूटर का ब्रेन भी कहा जाता है। cpu कंप्यूटर की स्पीड को तेज करता है। cpu motherboard के बिच में शामिल होता है यह बहुत जल्दी गरम जिसे ठंडा करने के लिए इसके ऊपर एक कूलिंग फैन लगा होता है।
RAM का पूरा नाम Random access memory है। आपके कंप्यूटर में जितना अधिक GB का RAM होगा आपका कंप्यूटर उतना ही तेज होगा। यदि आप कम्यूटर पर काम कर रहे है तो जब तक आप उसे save नहीं करेंगे वह RAM में save रहेगा और जब कंप्यूटर बंद होगा तो वह डिलीट हो जायेगा। इसीलिए डाटा को सेव करने के hard disk का प्रयोग किया जाता है।
हार्ड डिस्क के अंदर एक CD होती है जिसमे डाटा को सेव करके रखा जाता है।इसमें आप file, image और window जैसे software भी सेव करके रखे जाते है। हार्ड डिस्क gb (giga byte ) या tb(tera byte ) में आता है। जितना अधिक gb का आप हार्ड डिस्क लेंगे। आपके कंप्यूटर के लिए उतना ही अच्छा होगा। आज की दुनिया में कंप्यूटर को अधिक तेज करने के लिए ssd (solid state drive ) का उपयोग किआ जाने लगा है। हार्ड डिस्क क्या है और कैसे काम करता है यदि आप यह जानना चाहते है तो दिए गए पोस्ट पर जाये।
किसी भी डिवाइस को चलने के लिए बिजली की अवश्यकता होती है। कंप्यूटर में बिजली को मेंटेन करने के लिए power supply unit लगी होती है।
कंप्यूटर को मुख्य रूप से दो भागो में बाटे गए है
Hardware कंप्यूटर का वह भाग है जिसे हम स्पर्श और देख सकते है जैसे की मॉनिटर का प्रयोग हम कंप्यूटर से दिए गए output को देखने के लिए करते है।
hardware के कुछ उधारण है monitor ,mouse hard disk ,ram etc.
software कंप्यूटर का वह भाग है जिसे हम देख नहीं सकते है कंप्यूटर कोई भी कार्य अपने आप नहीं कर सकता उसे उस कार्य को करने के लिए पहले से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तथा कोडिंग द्वारा परिभाषित किया जाता है। कंप्यूटर में यूज किए जाने वाले सभी एप्स फॉर प्रोग्रामिंग द्वारा बनाया जाता है यह सॉफ्टवेयर कहलाते हैं सॉफ्टवेयर के कुछ उदाहरण इस प्रकार है सिस्टम सॉफ्टवेयर,एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर।
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